Thursday 17 July 2014

I received this  beautiful poetry from a friend of mine, which I would like to share.

Read it slowly with receptive mind, take time to think, reflect and meditate on each line.

जो चाहा कभी पाया नहीं, जो पाया कभी सोचा नहीं,
जो सोचा कभी मिला नहीं, जो मिला रास आया नहीं,
जो खोया वो याद आता है, पर जो पाया संभाला जाता नहीं ,
क्यों अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी जिसको कोई सुलझा पाता नहीं...

जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं है,
क्योंकि, झुकता वही है जिसमें जान होती है,
अकड़ तो मुरदे की पहचान होती है।
ज़िन्दगी जीने के दो तरीके होते है!

पहला: जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो.!
दूसरा: जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो.!
जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई
महान नहीं होता.!

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है; कभी हंसती है तो कभी रुलाती है;
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं; जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।
चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ; बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ;
खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ;
राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।

गुजरी हुई जिंदगी को  कभी याद न कर,
तकदीर मे जो लिखा है उसकी फर्याद न कर...
जो होगा वो होकर रहेगा,
तु कल की फिकर मे अपनी आज की हसी बर्बाद न कर...
हंस मरते हुये भी गाता है और मोर नाचते हुये भी रोता है....

ये जिंदगी का फंडा है बॉस, दुखो वाली रात  निंद नही आती
और खुशी वाली रात कौन सोता है...

ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता;
जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता;
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना;
क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता।

जिंदगी में दो चीज़ें हमेशा टूटने के लिए ही होती हैं :
"सांस और साथ"
सांस टूटने से तो इंसान 1 ही बार मरता है;
पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है।

जीवन का सबसे बड़ा अपराध -
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना।
और
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि -
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।

जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता;
जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।
जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है;

और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता;
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।

जैसे दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते।
सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता।
फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।

मालूम है क्यों?

क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली ज़िंदगी.

Nice Lines By Gulzar Sahab

पानी से तस्वीर कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है
कौन किस से चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना जानते है,
हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।



 .


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